लिंग मुद्रा – योग मुद्रा यह मुद्रा पुरुषत्व का प्रतीक है इसीलिए इसे लिंग मुद्रा कहा जाता है । खाँसी और कफ को जड़ से मिटाने के लिए ये सबसे अधिक प्रभावशाली मुद्रा है । नियमित अभ्यास से साधक में स्फूर्ति एवं उत्साह का संचार होता है , साथ ही इसके नियमित अभ्यास से अतिरिक्त कैलोरी बर्न होती हैं । भक्ति सरोवर

अग्नि मुद्रा – योग मुद्रा अग्नि मद्रा का नियमित अभ्यास शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है , यदि आपको ठण्ड ज्यादा लग रही हो या भूख , कब्ज और पाचन सम्बंधित दिक्कतें हो तो इस मुद्रा के अभ्यास से आप त्वचा , शरीर , अंग और हाथों की शीतलता को नियंत्रित कर सकते हैं । भक्ति सरोवर

वरुण मुद्रा – योग मुद्रा वरुण मुद्रा के नियमित अभ्यास से शरीर में पानी की मात्रा संतुलित रहती है और रक्त साफ़ होता है , इस ‘ मुद्रा का अभ्यास शरीर की त्वचा को चमकदार । बनाता है , साथ ही त्वचा सम्बन्धी रोगों और मधुमेह जैसी बीमारियों में भी अति लाभदायक है । भक्ति सरोवर www . bhaktisarovar . in

सूर्य मुद्रा – योग मुद्रा सूर्य मुद्रा का अभ्यास शरीर में अग्नि तत्व को बढ़ाता है , इस मुद्रा के अभ्यास से कोलेस्ट्रॉल कम हो जाता है और शरीर का वजन भी कम होता है । सर्दी जुखाम जैसी बीमारियों में भी यह मुद्रा बेहद असरदार है । भक्ति सरोवर www . bhaktisarovar . in

वायु मुद्रा – योग मुद्रा यदि आपका मन चिंतित , बेचैन , अति उत्साहित है , और आपका शरीर विभिन्न प्रकार के हार्मोनल असंतुलन महसूस कर रहा है , तो वायु मुद्रा का नियमित अभ्यास आपके मन और शरीर के संतुलन को वापस लाने के लिए सबसे अच्छी मुद्रा है । भक्ति सरोवर www . bhaktisarovar . in

ज्ञान ( चिन ) मुद्रा – योग मुद्रा ज्ञान मुद्रा ज्ञान को बढ़ाने में मदद करती है , नियमित रूप से अभ्यास करने पर यह याददाश्त में सुधार लाती है , और आपको बेहतर ध्यान केंद्रित करने में मदद करती है । इस मुद्रा का का नियमित अभ्यास जीवन में संतुलन लाता है साथ ही यह मुद्रा तनाव और चिंता से भी राहत दिलाने वाली मानी गयी है । । भक्ति सरोवर www . bhaktisarovar . in

आकाश मुद्रा – योग मुद्रा शरीर में आकाश तत्व कमज़ोर हो जाने पर , हड्डियों से सम्बंधित रोग होते हैं । इस मुद्रा के अभ्यास से आकाश तत्व मजबूत होता है और सभी प्रकार के हड्डी सम्बंधित रोगों से छुटकारा मिलता है । मध्यमा ऊँगली आकाश से जुड़ी मानी गयी है , इसलिए इस मुद्रा में मध्यमा ऊँगली का प्रयोग करते हैं । भक्ति सरोवर www . bhaktisarovar . in

पृथ्वी मुद्रा – योग मुद्रा पृथ्वी मुद्रा का नियमित अभ्यास वजन कम करने , ऊतकों , हड्डियों , उपास्थि , मांस , त्वचा और मांसपेशियों को मजबूत करने में सहायक है । यदि आप अपने बालों के बारे में चिंतित हैं , तो पृथ्वी मुद्रा कूप कोशिकाओं को सक्रिय करके बालों को पनः उत्पन्न करने में भी अति सहायक मानी गयी है । भक्ति सरोवर www . bhaktisarovar . in

शून्य मुद्रा – योग मुद्रा शून्य का अर्थ होता है आकाश , शून्य मुद्रा शरीर के आतंरिक तत्वों को संतुलित करती है । इस मुद्रा के अभ्यास से शरीर में स्फूर्ति बढ़ती है और आलस्य नही रहता । यदि आप पहाड़ों या ऊँची जगहों पर हो और आपको घबराहट हो रही हो तो इस मुद्रा का अभ्यास करें , आपका भय समाप्त हो जाएगा । भक्ति सरोवर www . bhaktisarovar . in

ये उंगली आपकी मनोदशा से जुड़ी होती है । यदि किसी कारण आपकी मनोदशा अच्छी नहीं है या शांति चाहते हैं , तो इस उंगली को हल्का – सा मसाज करें और खींचें , आपको जल्द ही इस के अच्छे नतीजे प्राप्त हो जाएंगे । आपका मूड ताजगी खिल उठेगा ।

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